अक्सर ट्रेडर्स इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading meaning in hindi) को एक जोखिम भरी ट्रेडिंग मानते हैं। कारण यह है की बहुत से इंट्राडे ट्रेडर्स पर्याप्त ज्ञान न होने की वजह से काफी पैसों का नुक्सान कर बैठते हैं। परंतु, यदि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम का पालन करते हैं तो इंट्राडे ट्रेडिंग बढ़िया लाभ भी दे सकती है । तो इस आर्टिकल में हम आपको समझाएँगे कुछ महत्वपूर्ण इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम।
नियमों को समझना इसलिए भी ज़रूरी है क्यूंकि इससे बेहतर ट्रेडिंग रणनीतियाँ बनाई जा सकती है। चूंकि ट्रेडिंग का एक दिन का समय केवल 6 घंटे तक सीमित है, इसलिए हमने कुछ इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम यहाँ बताएं हैं जो आपको इस काम समय में ज़्यादा से ज़्यादा लाभ कमाने में मदद करेंगे।
तो, चलिए जाने यह इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम क्या-क्या हैं?
Topic Covered
यह सोचना कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है, इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे और उसमे कैसे सफल हो तो उसके लिए कुछ नियमों को समझना बहुत ज़रूरी होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में सिर्फ ये ज़रूरी नहीं की कौन सा स्टॉक ख़रीदे, बल्कि ये भी महत्वपूर्ण है कि आप सही स्टॉक का चयन कर स्टॉक को सही समय में ख़रीदे और बेचे।
इन्ही सब के लिए ज़रूरी है सही इंट्रा डे ट्रेडिंग के नियमों का पालन करना और साथ ही सही समझ के साथ ट्रेड करना।
इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम का पालन करके आप सबसे अच्छा ट्रेड कर सकते हैं। आइए हम उनमें से कुछ नियमों पर एक नजर डालें।
“समय ही पैसा है” और इंट्राडे ट्रेडिंग में यह बात लागू भी होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में आप कम समय में अधिक मुनाफा बना सकते है। इंट्राडे ट्रेडिंग हर एक सेकंड बेहद कीमती है और हर पल मार्केट में बदलाव आते ही रहते हैं।
इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप इंट्राडे ट्रेडिंग के समय (intraday trading time in hindi) से आप अवगत रहे। आमतौर पर ट्रेडिंग डे का शुरुआत का एक घंटा , यानि 9:30 AM-10: 30 AM और 2:30 PM - 3:15 PM, इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। पर क्यों?
अब इंट्राडे ट्रेडिंग में सारा खेल अस्थिरता (volatility) का है , इसलिए शुरुआती घंटों के दौरान, बाजार में अस्थिरता (volatility) ज़्यादा होने की वजह से यह समय इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अच्छा माना जाता है। इतना ही नहीं, मार्केट लिक्विडिटी भी इस दौरान अधिक ही होती है, जिसका अर्थ है कि आप आसानी से स्टॉक खरीद या बेच सकते है।
यह वह समय भी है जब स्टॉक् की कीमतों पर पिछली रात या सुबह की खबरों का असर भी नज़र आने लगता है। इसलिए, आपको ख़बरों पर भी नजर रखने की जरूरत है।
मान लीजिए कि एक कंपनी जिसने मंगलवार को ट्रेडिंग टाइम खत्म होने के बाद,अपने प्रबंधन (management) में कुछ बदलाव की घोषणा की। यह खबर, अगले दिन उस कंपनी के स्टॉक की कीमत को प्रभावित कर सकता है।
यहाँ ये बात भी स्पष्ट करनी ज़रूरी है कि एक स्टॉक को चुनने के साथ साथ, सही समय पर स्क्वायर-ऑफ करने पर विचार करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
और यदि आप Choice India को अपना ब्रोकर चुनते हैं, तो आप अपनी पोजीशन को 3:15 तक स्क्वायर ऑफ कर सकते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है और इसमें और भी जोखिम होते है अगर एक शुरूआती ट्रेडर है।
जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक चुन रहे हों तो आपको इन प्रमुख पहलूओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है:
बेहतर विश्लेषण और ट्रेडिंग रणनीतियों के लिए RSI संकेतक(indicators) और ADX संकेतक(indicators) का उपयोग करना सीखें। साथ ही साथ:
वास्तविक जीवन हो या इंट्राडे ट्रेडिंग, अधिक लालच आपको अच्छे परिणामों तक नहीं पहुंचाएगा। इसलिए ज़रूरी यह है की आप यह तय करलें की आप ट्रेडिंग करते समय कितना जोखिम उठा सकते हैं ?
मान लीजिए कि आपने ₹100 का एक स्टॉक खरीदा है, और वर्तमान में यह ₹120 पर कारोबार कर रहा है। लेकिन उसी क्षण बेचने के बजाय ,आप और 15 मिनट इंतजार करने का फैसला करते हैं।
दुर्भाग्य से, स्टॉक की कीमतें अगले ही पल ₹115 तक गिर जाती है और फिर कीमत आगे नहीं बढ़ती। इस वजह से जहाँ ₹20 प्रति स्टॉक का मुनाफा हो सकता था, वहां सिर्फ ₹15 ही कमा पाए।
इसलिए, यह समझना ज़रूरी है की कब एग्जिट करना आवश्यक है । इतना ही नहीं, बल्कि आपको यह भी पता होना चाहिए कि आपकी जोखिम लेने की श्रमता कितनी है। प्रत्येक ट्रेडर्स की अपनी अपनी जोखिम लेने की ताकत होती है जो इसपर भी निर्भर करती है कि, उस ट्रेडर के पास निवेश में नुक्सान उठाने लायक कितनी संपत्ति है और उसके ट्रेडिंग से जुड़े लक्ष्य क्या है।
चूंकि इंट्राडे ट्रेडिंग में बाजार बहुत अस्थिर है, इसलिए आपको हर ट्रेड के लिए एक स्टॉप-लॉस लगाने की आदत होनी चाहिए। यह आपको एक ट्रेड से एग्जिट पर निर्णय लेने में मदद करता है और आपके जोखिम को कम करता है फिर चाहे बाजार उलटी दिशा में ही क्यों न हो।
मार्जिन ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए एक वरदान है। यह आपको उस पैसे के साथ ट्रेड करने का लाभ देता है जो आपके पास नहीं है।
इसमें, आपका स्टॉकब्रोकर आपको ट्रेड के लिए एक अतिरिक्त राशि देता है। और मार्जिन का उपयोग कर ट्रेडिंग करने के कईं लाभ है। आइये समझें:
मान लीजिए कि आपके पास ₹5000 हैं, और आप ₹100/प्रत्येक शेयर खरीदना चाहते हैं। उसी दिन, आपने सभी शेयर ₹130/शेयर पर बेच दिए, इस प्रकार आपने ₹500 का लाभ कमाया।
यदि आपने मार्जिन सुविधा का इस्तेमाल किया होता, तो आपकी ट्रेडिंग राशि ₹25,000 होती। और इस मामले में, लाभ ₹7500 तक पहुँच जाता।
इस कारण मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा का उपयोग आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है। हालांकि, मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा पर पूरी तरह से भरोसा नहीं करना चाइये है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर बाजार आपके खिलाफ काम करता है, तो बड़े पैमाने पर नुकसान भी हो सकता है।
हालांकि, हाल ही में मार्जिन में बदलाव हुआ है। आइए हम नए मार्जिन नियमों पर एक नज़र डालें।
प्रारंभ में, स्टॉकब्रोकर अपनी इच्छा के आधार पर अपने ग्राहकों को मार्जिन प्रदान करते थे। मार्जिन 40X-50X तक भी हुआ करता था। लेकिन हाल ही में SEBI ने अपने नए मार्जिन नियम सामने रखे।
इन नियमों के अनुसार, 1 दिसंबर, 2020 से, हर तिमाही के साथ मार्जिन में 25% की कमी निर्धारित की गई थी।
और अब स्टॉकब्रोकर को, अधिकतम 5X मार्जिन देने की ही अनुमति है। इससे बहुत से इंट्राडे ट्रेडर्स छोटी रकम ही निवेश कर पाते हैं, और लाभ भी ज़्यादा नही हो पाता।
इस इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम के बाद अधिकांश ट्रेडर्स, मार्जिन के बिना इंट्राडे ट्रेडिंग करने के तरीके खोज रहे हैं।
एक सीधा सा विकल्प है अपनी पूंजी से ही निवेश करना, परन्तु यह बात पर भी गौर करना होगा की आपकी निवेश के लिए रखी हुई पूंजी पर्याप्त है ताकि आपको ज़्यादा से ज़्यादा लाभ मिल सके।
बहुत से ट्रेडर्स इधर-उधर के दोगले सुझावों को सच मान कर साथ ट्रेडिंग करते हैं। लेकिन इस सब में यह भूल जाता है कि कोई स्टॉक अगर किसी और के लिए लाभदायक है, वह आपके लिए भी लाभदायक ही हो यह ज़रूरी नही।
और अक्सर गिरते हुए मार्किट को देख, ट्रेडर्स घबरा जाते हैं, और हड़बड़ी में गलत फैसले ले लेते हैं । इस तरह उन्हें काफी नुकसान हो जाता है।
इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप शेयर बाजार में ट्रेड करते समय अपनी भावनाओं को आप पर हावि ना होने दें और किसी भी बड़े ट्रेडिंग निर्णय लेने से पहले ठीक से विश्लेषण करें।
इंट्राडे ट्रेडिंग के बहुत सारे फायदे हैं, और सही तरीके से किए जाने पर अच्छा मुनाफा संभव है। इसलिए यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग करने के तौर तरीके नहीं समाज पा रहे तो आप उल्लिखित नियमों का ठीक से अध्ययन कर, उपयोग में ला सकते है। इससे आपकी ट्रेडिंग और भी आसान बन जाएगी।
यह याद रहे कि आप बाजार के रुझानों के अनुसार ही ट्रेडिंग निर्णय ले रहे हैं। इससे आप ज़्यादा से ज़्यादा लाभ बटोर पाएंगे ।
अगर आप इन इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम पे ध्यान दें, तो इसमें कोई शक नहीं की आप ज़्यादा नुकसान से बच जाएंगे।
तो यदि आप डे ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, तो आज ही अपना डीमैट खाता खोलें!
Meaning of Leverage in hindi is पूंजी को बढ़ाने के लिए उधार लेना या देना, जिससे निवेश की रिटर्न में वृद्धि हो सकती है।
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इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है, इसका मतलब होता है कि एक दिन में वह स्टॉक खरीदता है और उसी दिन बाजार बंद होने से पहले बेचना देना।