भारत में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको स्टॉक ब्रोकर के साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की आवश्यकता होती है। लेकिन अब प्रश्न आता है कि डीमैट अकाउंट से ट्रेडिंग कैसे करे।
डीमैट अकाउंट खुलने के बाद आप अपनी ट्रेडिंग एप में लॉग इन कर सकते है और उसमे अलग-अलग स्टॉक में विश्लेषण कर ट्रेड कर सकते है।
एक बार अकाउंट खुल जाने के बाद आप लॉग इन करके अपने बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे रख सकते हैं आप ट्रेडिंग प्लेटफार्म का उपयोग करके स्टॉक की कीमत, चार्ट्स, पिछला डाटा देख सकते हैं और शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
आइये इसके बारे में विस्तार में बात करते है और जानते है कि किस तरह से डीमैट अकाउंट से ट्रेड कर सकते है।
स्टॉकब्रोकर के साथ डीमैट अकाउंट के साथ-साथ आपको ट्रेडिंग अकाउंट भी प्रदान करते है जिसकी मदद से आप मोबाइल ट्रेडिंग एप (mobile Trading app) से आसानी से ट्रेड कर सकते है। अगर आप नए निवेशक है तो जाने की डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है (difference between demat and trading account in hindi).
अंतर को समझे और अकाउंट खोलने के बाद ज़रूरी है कि आप सबसे पहले ब्रोकर द्वारा दी गयी ट्रेडिंग एप को डाउनलोड करें। एप डाउनलोड करने के बाद अपना यूजरनाम और पासवर्ड एंटर कर ट्रेडिंग एप में लॉगिन करें।
इसके बाद ट्रेडिंग करने के लिए सबसे ज़रूरी चरण है ट्रेडिंग अकाउंट में फण्ड डालना, जिसके लिए आपको अपने बैंक अकाउंट को ट्रेडिंग अकाउंट के साथ लिंक करना होगा।
अब बात करते है ट्रेडिंग की, किस तरह से डीमैट अकाउंट से आप ट्रेड कर सकते है।
डीमैट अकाउंट खोलने और ट्रेडिंग अकाउंट में फण्ड डालने के बाद अब बात आती है की आप ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे कर सकते है?
इसका निर्णय लेने के लिए ज़रूरी अपने लक्ष्य और जोखिमों को निर्धारित करना। अगर आप ट्रेडर है तो इसके लिए आप स्टॉक मार्केट न्यूज़, मार्केट वोलैटिलिटी और वॉल्यूम से अवगत रहे और अगर निवेशक है तो उसके लिए फंडामेंटल एनालिसिस करें। आइये इस पर विस्तार में बात करते है।
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए टेक्निकल एनालिसिस करें।
अब जब बात टेक्निकल एनालिसिस की आती है तो यहाँ पर आप अपनी ट्रेडिंग एप में चार्ट और इंडिकेटर का इस्तेमाल कर सकते है।
स्टॉक मार्केट चार्ट की अगर बात करें तो इसके लिए कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग कर सकते है, जिसमे आप ओपन,क्लोज, हाई और लॉ प्राइस की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
कैंडलस्टिक चार्ट में अलग-अलग पैटर्न मिलते है जिसके आधार पर आप स्टॉक प्राइस की जानकारी ले उसमे लॉन्ग या शार्ट पोजीशन लेने का निर्णय ले सकते है।
इसके साथ एप में टेक्निकल इंडिकेटर (RSI, MACD, Bollinger Band) दिए जाते है जिसके आधार पर आप बारीकियों से तकनीकी विश्लेषण कर सकते है और उसके आधार पर सही वैल्यू में ट्रेड कर एक अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
लॉन्ग टर्म निवेश के लिए फंडामेंटल एनालिसिस
जैसे घर खरीदने से पहले आप ज़मीन और आस-पास की सुख-सुविधा की जानकारी लेते है, क्योकि आप एक बहुत ज़रूरी इन्वेस्मेंट कर रहे होते है। ठीक उसी तरह से पोजीशन और डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए आपको मौलिक विश्लेषण की ज़रुरत पड़ती है।
एक सही विश्लेषण के लिए कंपनी की इतिहास, इनकम, प्रॉफिट/लॉस की जानकारी प्राप्त कर उसके अनुसार निवेश करने का निर्णय लेना होता है। इसके लिए आप कंपनी की वार्षिक स्टेटमेंट, इनकम स्टेटमेंट और बैलेंस शीट का पढ़ सकते है।
इसके साथ आपको कुछ फंडामेंटल रेश्यो दिए जाते है जिसके आधार पर आप कंपनी की पूरी जानकारी प्राप्त कर निवेश कर सकते है। एक सही निर्णय लेने के लिए आप सेक्टर में दूसरी कंपनी के साथ तुलना भी कर सकते है।
विश्लेषण करने के बाद आखिरी चरण आता है की स्टॉक को कैसे ख़रीदे और बेचे। तो शुरू करते है कि स्टॉक कैसे ख़रीदे।
स्टॉक को खरीदने के लिए उसे चुने और स्क्रीन पर या चार्ट पर दिए हुए बाय बटन को टेप करें, इसके बाद बाय स्क्रीन पर quantity, price, product (intraday और delivery) और आर्डर टाइप (limit or market) को चुने। ट्रेड करने के लिए नीचे दिए हुए बटन को स्वाइप करें।
अब बात करते है की ख़रीदे हुए स्टॉक को आप कैसे बेच सकते है या शार्ट पोजीशन के लिए किस तरह से स्टॉक को बेच सकते है, उसके लिए स्टॉक को चुने और सेल बटन पर टेप करें।
इसके बाद अगर आप ख़रीदे हुए स्टॉक को अपनी पोर्टफोलियो या आर्डर बुक में देख सकते है।
यहाँ पर ध्यान दे की अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश कर रहे है तो वह स्टॉक आपकी पोर्टफोलियो में T+1 यानी की ट्रेडिंग करने के 1 दिन बाद आएगी क्योंकि सेबी के नए नियम के अनुसार डिलीवरी ट्रेडिंग में डीमैट अकाउंट में स्टॉक डिलीवर होने में 1 दिन का समय लगता है।
आपको ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट की जरुरत होती है आप सही स्टॉक ब्रोकर (stock broker) चुनकर शेयर खरीदने और बेचने की शुरू कर सकते हैं।
शेयर रखने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरुरत होती है जबकि शेयर खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट एक इंटरफेस की तरह कार्य करता है।
आप निवेश करने से पहले सही रिसर्च कर स्टॉक चुन सकते हैं जैसेकि शेयर खरीदने के T+2 दिनों के बाद आपके डीमैट अकाउंट में जमा हो जाएंगे और यदि आप शेयर बेचते हैं तब आप आपके डीमैट अकाउंट से डेबिट हो जाएंगे और आपके अकाउंट में पैसे T+1 दिन में आ जाएंगे।